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पशु-पक्षियों से है ऐसा लगाव की घर को ही बना दिया चिड़ियाघर…

पशु-पक्षियों से है ऐसा लगाव की घर को ही बना दिया चिड़ियाघर...

पशु-पक्षियों से है ऐसा लगाव की घर को ही बना दिया चिड़ियाघर,,,फैमिली मेंबर बने बेजुबान,,,रोजाना एक रिक्शे से पहुँचाकर देती है भोजनकांकेर के आमापारा में रहने वाली स्मिता खटवानी को पशु पक्षियों से ऐसा लगाव है कि वह अपने घर को ही चिड़ियाघर बना चुकी है। घर में चहु ओर लकड़ी, घास व प्लास्टिक समेत कपास से तैयार घोसले लगाए हुए है, जिसमें करीब 30 से 40 गौरैया, 10 से 20 कबूतर व विभिन्न तरह के पंक्षी अपना आशियाना समझ रात बिताते हैं और उनके द्वारा डाला गया दाना चुग अपना पेट भर रहे है। पंक्षियों को इतनी सुविधा मिल चुकी है कि वहां अंडा भी दिए हुए, जहां से नन्ही पंक्षी के रूप में बाहर आते ही उनका नामकरण भी किया जाता है।गाँव से ही कर चुकी है सेवा का शुरुआतस्मिता ने चर्चा में बताया कि वह पहले अपने परिजनों के साथ सरोना में रहती थी और बचपन से ही चिड़ियों के आने पर उनके साथ खेला करती थी। धीरे-धीरे उन्हें अहसास हुआ की अब जगह के कमी के कारण पंक्षी आने कम हो रहे है और गर्मियों के समय में उन्हें पानी भी नही मिल पा रहा है, जिससे पंक्षी भोजन पानी की तलाश में भटकने लगे तो कुछ पंक्षी उनके सामने ही दम तोड़ने लगे, जिसके बाद गाँव से ही सेवा की शुरुआत कर उनके लिये भोजन पानी की व्यवस्था कर घोसला तैयार करवाने लगी।तीन मंजिले मकान में लगाए गए है करीब 500 घोसलेस्मिता अपने तीन मंजिला मकान में करीब 500 से ज्यादा घोसला लगाए हुए है, जिसमें करीब 100 से ज्यादा घोसलो को पंक्षियो ने अपने अनुसार सवारा है और रात गुजारा करते है। पंक्षियो के आशियाने से चहचआहट की आवाज रोजाना सुबह शाम जोरो से आती है और गंदगी भी मचाया जाता है। एनिमल लवर उन सब गंदगियों को साफ कर घर को स्वच्छ रखी हुई है। बाकी सभी लोगो को अपील करते हुए स्वच्छता पर भी ध्यान देने के लिए कहा है।रोजाना गाड़ी में घूमकर परोसती है भोजनस्मिता रोजाना कांकेर शहर में अपने ई- रिक्शा से घूमकर कुत्तों और मवेशियों को खाना परोसती है, जिससे पशु- पंक्षी अपना पेट भरते है। रोजाना खाना परोसने से पशुओं और पंक्षियो को भी अपने जगह में इंतजार करने का आदत हो गया है और खाना खाने के साथ पशु- पक्षी प्यार दुलार करते दिखते है। स्मिता सप्ताह में एक दिन केशकाल पहुँचकर बंदरो के लिए भोजन पहुँचाने का काम करती है और बंदरो से मिलकर अपने हाथों से खिलाते भी दिखती है।

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